‘’कलात्मकता’’ की इस कड़ी में हम आपको जबलपुर की सुप्रसिद्ध मार्बल नक्काशी के बारे में बता रहे हैं। यहां का मार्बल अपनी उच्च गुणवत्ता, अद्वितीय रंग और चमक के लिए लोकप्रिय है।

जबलपुर, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहां की मार्बल नक्काशी कला विश्व प्रसिद्ध है और इसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।

मार्बल नक्काशी की विशेषताएं

जबलपुर की मार्बल नक्काशी अपनी उच्च गुणवत्ता और अद्वितीय डिजाइनों के लिए जानी जाती है। यहां के मार्बल में प्राकृतिक चमक और रंग होते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। मार्बल की नक्काशी में विभिन्न प्रकार के डिजाइनों का उपयोग किया जाता है, जिसमें पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के डिजाइनों का समावेश होता है।

मार्बल नक्काशी की कला जबलपुर में सदियों पुरानी है और इसे पीढ़ी दर पीढ़ी सिखाया जाता है। यहां के कारीगर अपनी कला में निपुण होते हैं और उनकी नक्काशी में बारीकी और सुंदरता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

मार्बल नक्काशी के प्रमुख केंद्र

जबलपुर में मार्बल नक्काशी के कई प्रमुख केंद्र हैं, जहां पर्यटक इस कला को नजदीक से देख सकते हैं। यहां के प्रमुख केंद्रों में भेड़ाघाट, मदन महल और रानी दुर्गावती संग्रहालय शामिल हैं। भेड़ाघाट में मार्बल की चट्टानों पर की गई नक्काशी विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

भेड़ाघाट में स्थित वाघ नख का प्रदर्शन भी एक प्रमुख आकर्षण है। यह वाघ नख छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा उपयोग किया गया था और इसे हाल ही में लंदन से मुंबई लाया गया है। इसे सतारा में प्रदर्शित किया जाएगा।

मार्बल नक्काशी का महत्व

जबलपुर की मार्बल नक्काशी न केवल कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कला जबलपुर की पहचान है और इसे संरक्षित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।

मार्बल नक्काशी के माध्यम से जबलपुर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा रहा है और इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इस प्रकार, जबलपुर की मार्बल नक्काशी कला न केवल शहर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर रही है, बल्कि इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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